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"युवा क्रांति का धमाका! नेपाल में हिल गई सरकार"

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  Gen-Z विद्रोह… नेपाल में तख़्तापलट! नेपाल जल रहा है… सड़कों पर आग और ग़ुस्से की लपटें हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को न केवल इस्तीफ़ा देना पड़ा, बल्कि देश छोड़कर भागने की नौबत भी आ गई। सवाल ये उठ रहा है कि क्या यह आंदोलन महज़ सोशल मीडिया की बहाली की मांग पर था या फिर इसके पीछे कोई और गहरी साज़िश छिपी है? दरअसल, नेपाल सरकार ने हाल ही में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और एक्स (Twitter) जैसे मंच बंद होने के बाद युवा सड़क पर उतर आए । शुरुआती मांग सिर्फ सोशल मीडिया खोलने की थी। लेकिन जब सरकार ने प्लेटफ़ॉर्म बहाल कर दिए, तब भी हिंसा थमी नहीं—बल्कि और भड़क उठी। यही वह बिंदु है जिसने नेपाल की राजनीति को हिला दिया। विद्रोहियों का निशाना सिर्फ सरकारी दफ़्तर या सड़कें नहीं थीं, बल्कि राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और ओली के तमाम सहयोगियों के घर भी आग में झोंक दिए गए। यह साफ़ दिख रहा है कि आंदोलन अब केवल “डिजिटल आज़ादी” तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सरकार गिराने और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ गुस्से की त...

"भारत के पड़ोसी देशों में उथल-पुथल: विद्रोह और तख़्ता पलट का लंबा इतिहास"

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नेपाल से पहले बांग्लादेश, अफगानिस्तान और म्यांमार तक… भारत के पड़ोसी देशों में विद्रोह और तख़्ता पलट का लंबा इतिहास भारत के पड़ोसी देशों का इतिहास देखने पर एक बात साफ दिखाई देती है—यहां सत्ता पलट, विद्रोह और राजनीतिक अस्थिरता आम बात रही है। कभी लोकतंत्र की आवाज़ दबाने के लिए सेना सामने आई, तो कभी जनता के गुस्से ने राजसत्ता को जड़ से हिला दिया। नेपाल में हालिया उथल-पुथल से पहले भी बांग्लादेश, अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे देशों में विद्रोह और सत्ता परिवर्तन की लंबी कहानियां दर्ज हैं। बांग्लादेश: जन्म से लेकर विद्रोह तक 1971 में पाकिस्तान से आज़ादी हासिल करने के बाद बांग्लादेश ने लोकतंत्र की राह पकड़ी। लेकिन जल्द ही यहां सत्ता संघर्ष और राजनीतिक हत्याओं का दौर शुरू हो गया। शेख मुजीबुर रहमान, जिन्हें देश का "जनक" माना जाता है, 1975 में सैन्य विद्रोह में मारे गए। इसके बाद कई बार तख़्ता पलट हुआ और सेना ने राजनीति पर कब्ज़ा जमाए रखा। लंबे संघर्ष और आंदोलन के बाद बांग्लादेश ने फिर से लोकतंत्र की ओर कदम बढ़ाए, लेकिन आज भी वहां राजनीति में अस्थिरता और विद्रोह की झलक देखी जा सकती है। अफ...

"पर्यटन का नया आकर्षण: बिहार के राजगीर में रॉयल भूटान मंदिर"

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  रॉयल भूटान बुद्ध मंदिर: राजगीर की धरती पर शांति और मैत्री का नया प्रतीक बिहार की पावन भूमि राजगीर, जिसे ज्ञान और शांति की धरती कहा जाता है, एक बार फिर इतिहास रचने का साक्षी बनी। गुरुवार को यहां रॉयल भूटान बुद्ध मंदिर का भव्य उद्घाटन हुआ। इस खास मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोपगे और उनके सर्वोच्च धर्मगुरु जे खेन्पो स्वयं मौजूद रहे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने भी इस समारोह की गरिमा बढ़ाई। यह मंदिर भारत और भूटान के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रिश्तों का प्रतीक है। बोधगया के बाद भारत में यह भूटान का दूसरा मंदिर है, जबकि राजगीर का पहला बुद्ध मंदिर। इसका निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह दोनों देशों की मैत्री और सहयोग की भावना को और मजबूत करता है। भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया, युद्ध नहीं उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश दोहराते हुए कहा – “ भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं, बल्कि बुद्ध दिया है।” यह वाक्य भारत की उस आध्यात्मिक विरासत को दर्शा...

ब्लड मून का अद्भुत नज़ारा! भारत से दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण

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  सितंबर में दिखेगा साल का सबसे बड़ा पूर्ण चंद्र ग्रहण, क्यों कहलाता है ‘ब्लड मून’? आसमान का सबसे अनोखा नज़ारा इस साल सितंबर में पूरी दुनिया को देखने को मिलेगा। 7 और 8 सितंबर 2025 की रात को पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) लगेगा। यह ग्रहण भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों से साफ़-साफ़ दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए दिखाई देगा, जिसे हम ब्लड मून कहते हैं। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, यह साल 2022 के बाद भारत से दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। ग्रहण कब और कितने बजे शुरू होगा? भारत में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात 8:58 बजे से शुरू होगा और धीरे-धीरे अपनी पूर्ण अवस्था में पहुंचेगा। आधी रात तक यह नज़ारा सबसे अद्भुत रूप में नज़र आएगा। चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाएगा और लाल रंग का दिखाई देने लगेगा। यह नज़ारा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, लखनऊ, हैदराबाद और चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों में नग्न आंखों से देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण कैसे लगता है? चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। पृथ्...

"अनिल अंबानी पर कसा शिकंजा: बैंक ऑफ बड़ौदा ने R-Com के लोन को ठहराया फ्रॉड"

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नई दिल्ली: कभी देश के बड़े बिजनेसमैन और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन रह चुके अनिल अंबानी की मुश्किलें अब थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले ही कर्ज़ के बोझ तले दब चुकी उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (R-Com ) अब एक और बड़े झटके का सामना कर रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया ने भी अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ घोषित कर दिया है। गुरुवार को बैंक ने यह जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग के ज़रिए दी, जिसके बाद शेयर बाज़ार में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 1. R-Com ने क्या कहा? रिलायंस कम्युनिकेशन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी का कहना है कि उसने पहले ही दिवालिया प्रक्रिया (Insolvency Process) शुरू कर दी थी और अब सारे मामले एनसीएलटी (NCLT) के अधीन हैं। कंपनी का तर्क है कि बैंकों द्वारा अकाउंट को फ्रॉड घोषित करना एकतरफा कदम है, जबकि यह मामला न्यायिक जांच के दायरे में है। कंपनी ने निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि वह कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करती है और आने वाले समय में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 2. अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ीं अनिल अं...

"दिल्ली डूबने के कगार पर! कुछ ही घंटों में मचेगी तबाही"

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डूबती दिल्ली: यमुना का कहर, राजधानी में हाहाकार दिल्ली इन दिनों बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। राजधानी पर इस समय सबसे बड़ा संकट यमुना के उफान का मंडरा रहा है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते-बढ़ते 207.47 मीटर तक पहुँच गया है, जो खतरे के निशान से कहीं ऊपर है। नतीजा यह है कि दिल्ली के कई इलाके पानी में डूब चुके हैं और आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। हर पल बढ़ता खतरा यमुना का उफान थमने का नाम नहीं ले रहा। मजनूं का टीला, मठ और आसपास के कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। निचले इलाकों में बसे लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और अब राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। मगर हालात इतने बिगड़ गए हैं कि खुद राहत शिविरों में भी पानी घुस चुका है। ट्रैफिक जाम और जलभराव से बेहाल राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जगह-जगह पानी भरा हुआ है। Outer Ring Road जैसी अहम सड़कें जलमग्न हो गई हैं। नतीजा यह है कि राजधानी में ट्रैफिक जाम आम हो चुका है। ऑफिस जाने वाले लोग घंटों तक जाम में फँसे रहते हैं। दिल्ली सचिवालय के पास तक यमुना का पानी पहुँच चुका है, जिससे प्रशासन क...

नागपुर हादसा: सोलर कंपनी की फैक्ट्री में जोरदार धमाका, एक मजदूर की मौत

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नागपुर फैक्ट्री ब्लास्ट: आधी रात के धमाके ने ली मजदूर की जान, कई घायल महाराष्ट्र के नागपुर से एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले के बाजरगांव इलाके में स्थित सोलर कंपनी की विस्फोटक (Explosives) यूनिट में आधी रात को जोरदार धमाका हुआ। इस भीषण हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से तीन की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाका इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री का पूरा ढांचा चंद सेकंडों में तहस-नहस हो गया । आसपास के गांवों तक विस्फोट की गूंज सुनाई दी और लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। हादसे के वक्त सौभाग्य से फैक्ट्री में सीमित कर्मचारी मौजूद थे, वरना जनहानि और भी बड़ी हो सकती थी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। फिलहाल घटनास्थल को सील कर दिया गया है और फॉरेंसिक टीम blast की असली वजह की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि "ग्राउंड ज़ीरो से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं ताकि विस्फोट के सही क...