"पर्यटन का नया आकर्षण: बिहार के राजगीर में रॉयल भूटान मंदिर"
रॉयल भूटान बुद्ध मंदिर: राजगीर की धरती पर शांति और मैत्री का नया प्रतीक
बिहार की पावन भूमि राजगीर, जिसे ज्ञान और शांति की धरती कहा जाता है, एक बार फिर इतिहास रचने का साक्षी बनी। गुरुवार को यहां रॉयल भूटान बुद्ध मंदिर का भव्य उद्घाटन हुआ। इस खास मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोपगे और उनके सर्वोच्च धर्मगुरु जे खेन्पो स्वयं मौजूद रहे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने भी इस समारोह की गरिमा बढ़ाई।
यह मंदिर भारत और भूटान के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रिश्तों का प्रतीक है। बोधगया के बाद भारत में यह भूटान का दूसरा मंदिर है, जबकि राजगीर का पहला बुद्ध मंदिर। इसका निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह दोनों देशों की मैत्री और सहयोग की भावना को और मजबूत करता है।
भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया, युद्ध नहीं
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश दोहराते हुए कहा – “भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं, बल्कि बुद्ध दिया है।” यह वाक्य भारत की उस आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है, जो शांति, करुणा और मानवता का मार्ग दिखाती है। बिहार की धरती सदैव से ज्ञान और धर्म का केंद्र रही है। यहां से निकलने वाला संदेश पूरे विश्व को दिशा देता आया है।
भव्य निर्माण और आध्यात्मिक सौंदर्य
करीब 2 एकड़ भूमि में फैला यह मंदिर पारंपरिक भूटानी शैली में बनाया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की विशाल और भव्य प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही गुरु पद्मसंभव और झाबद्रंग नांगवांग नामग्याल की प्रतिमाएं भी यहां विराजमान हैं। इन प्रतिमाओं का दर्शन श्रद्धालुओं के मन को शांति और आस्था से भर देता है।
मंदिर परिसर में एक मल्टी-परपज़ हॉल भी बनाया गया है, जिसमें एक साथ 1000 लोग बैठ सकते हैं। यह हॉल धार्मिक सभाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का केंद्र बनेगा।
भारत-भूटान की अटूट मित्रता का प्रतीक
भूटान और भारत का रिश्ता केवल पड़ोसी देशों का नहीं, बल्कि आत्मीयता और आध्यात्मिकता का रिश्ता है। इस मंदिर के निर्माण से दोनों देशों के बीच का संबंध और गहरा होगा। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोपगे और धर्मगुरु की उपस्थिति ने इस बात को और स्पष्ट कर दिया कि यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि मैत्री और भाईचारे का जीवंत प्रतीक है।
पर्यटन और शोध का नया केंद्र
राजगीर पहले से ही अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। अब इस रॉयल भूटान बुद्ध मंदिर के बन जाने से यहां पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। श्रद्धालु और पर्यटक यहां आकर न केवल भगवान बुद्ध का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे, बल्कि भारत-भूटान की मित्रता और सांस्कृतिक एकता का अनुभव भी करेंगे।
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