"अनिल अंबानी पर कसा शिकंजा: बैंक ऑफ बड़ौदा ने R-Com के लोन को ठहराया फ्रॉड"
नई दिल्ली: कभी देश के बड़े बिजनेसमैन और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन रह चुके अनिल अंबानी की मुश्किलें अब थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले ही कर्ज़ के बोझ तले दब चुकी उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (R-Com) अब एक और बड़े झटके का सामना कर रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया ने भी अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ घोषित कर दिया है। गुरुवार को बैंक ने यह जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग के ज़रिए दी, जिसके बाद शेयर बाज़ार में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
1. R-Com ने क्या कहा?
रिलायंस कम्युनिकेशन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी का कहना है कि उसने पहले ही दिवालिया प्रक्रिया (Insolvency Process) शुरू कर दी थी और अब सारे मामले एनसीएलटी (NCLT) के अधीन हैं। कंपनी का तर्क है कि बैंकों द्वारा अकाउंट को फ्रॉड घोषित करना एकतरफा कदम है, जबकि यह मामला न्यायिक जांच के दायरे में है। कंपनी ने निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि वह कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करती है और आने वाले समय में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
2. अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ीं
अनिल अंबानी पहले ही कई कानूनी और वित्तीय संकटों से जूझ रहे हैं। उनकी कंपनियों पर अरबों रुपये का कर्ज़ है। अब जब बैंकों ने उनके अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है, तो इसका सीधा असर उनकी साख और बिजनेस पर पड़ेगा। यह कदम उनके लिए विदेशों से निवेश जुटाने और नए प्रोजेक्ट शुरू करने की संभावनाओं को और भी कम कर देगा। एक समय देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों की सूची में शामिल रहने वाले अनिल अंबानी आज अपने साम्राज्य को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
3. ईडी की जांच के घेरे में अनिल अंबानी
इतना ही नहीं, इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच भी जारी है। ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या लिए गए कर्ज़ का उपयोग सही दिशा में हुआ या फिर पैसे को कहीं और डायवर्ट किया गया। अनिल अंबानी से पहले भी कई बार पूछताछ हो चुकी है। अब जब बैंकों ने अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है, तो ईडी की जांच और तेज़ हो सकती है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अनिल अंबानी को और भी मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
4. कंपनी का बचाव
कंपनी का कहना है कि वह किसी भी प्रकार की ग़लत गतिविधियों में शामिल नहीं रही है। दिवालिया प्रक्रिया के चलते कई प्रोजेक्ट अधर में लटक गए और कर्ज़ चुकाने की स्थिति नहीं बन पाई। कंपनी का तर्क है कि बैंकों को कानूनी फैसले का इंतज़ार करना चाहिए था। हालांकि, बैंकों का कहना है कि वे आरबीआई (RBI) के दिशा-निर्देशों के तहत ही यह कदम उठा रहे हैं और इसमें किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया गया।
5. शेयरों में भारी गिरावट
इस घोषणा का सीधा असर शेयर बाज़ार पर देखने को मिला। रिलायंस कम्युनिकेशन और रिलायंस कैपिटल जैसे शेयरों में भारी गिरावट आई। निवेशकों का भरोसा डगमगा गया और मार्केट में कंपनी के भविष्य को लेकर अनिश्चितता का माहौल बन गया है।
👉 कुल मिलाकर, अनिल अंबानी और उनकी कंपनी R-Com की स्थिति बेहद नाज़ुक मोड़ पर आ गई है। बैंक का यह कदम न केवल उनके बिजनेस साम्राज्य बल्कि उनकी व्यक्तिगत साख पर भी बड़ा आघात है। आने वाले समय में अदालत और जांच एजेंसियों का रुख ही तय करेगा कि अनिल अंबानी और उनकी कंपनी का भविष्य क्या होगा।
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