Emergency In Delhi: दिल्ली में लगेगी इमरजेंसी? भीषण तबही
दिल्लीवालों के दरवाज़े पर यमुना का पानी पहुँच चुका है।
राजधानी में अब हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और खतरे की घंटी बज चुकी है। बीते 24 घंटों में न केवल पानी का बहाव तेज हुआ है, बल्कि कई निचले इलाकों में घरों और दुकानों के अंदर तक पानी घुस आया है। प्रशासन लगातार अलर्ट जारी कर रहा है और लोगों से अपील की जा रही है कि वह तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर निकल जाएँ।
हथिनी कुंड बैराज से लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिसका सीधा असर दिल्ली पर देखने को मिल रहा है। 27 फाटक खोले जा चुके हैं और इस वजह से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है। सबसे ज्यादा दिक्कत निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हो रही है। वसु देव घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है और कलिंदी कुंज बैराज से छोड़े गए पानी ने आसपास के क्षेत्रों को डुबोना शुरू कर दिया है।
गली-गली में पानी भर चुका है। कई जगह तो हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों को नाव और रबर की नावों के सहारे सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा रहा है। बिजली सप्लाई को लेकर भी दिक्कतें सामने आ रही हैं। पानी घरों के अंदर घुसने से इलेक्ट्रॉनिक सामान और ज़रूरी दस्तावेज़ खराब हो रहे हैं। दुकानों में रखा सामान बर्बाद हो चुका है और व्यापारी परेशान नज़र आ रहे हैं।
प्रशासन की ओर से लगातार एनाउंसमेंट किया जा रहा है कि लोग अपने मकान और दुकानें तुरंत खाली कर दें। स्कूल-कॉलेज बंद करने का ऐलान किया जा चुका है। राहत और बचाव दल मौके पर तैनात हैं, लेकिन हालात इतने विकट हैं कि हर ओर अफरा-तफरी का माहौल है।
दिल्ली के जिन इलाकों में निचली बस्तियाँ हैं, वहाँ सबसे ज़्यादा संकट है। यमुना किनारे बसे परिवार रातभर जागकर अपना सामान समेट रहे हैं। बच्चे और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही हैं।
यह सिर्फ एक बाढ़ नहीं, बल्कि दिल्ली के लिए चेतावनी है कि मौसम और प्रकृति से खिलवाड़ करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। लगातार बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी ने राजधानी को जल संकट की कगार पर ला दिया है।
फिलहाल दिल्ली वालों के लिए यही संदेश है – सावधान रहें, सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यह समय किसी तरह की लापरवाही का नहीं है। यमुना का पानी दरवाज़े तक पहुँच चुका है और अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले घंटे और भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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