"पुरुषों में तेजी से बढ़ रहा प्रोस्टेट कैंसर, समय रहते पहचानें ये संकेत"
प्रोस्टेट कैंसर : पुरुषों के लिए बढ़ती गंभीर चिंता
आज के बदलते और भागदौड़ भरे जीवन में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। आधुनिक जीवनशैली ने जहाँ सुविधाएँ दी हैं, वहीं कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ाया है। इन्हीं में से एक है प्रोस्टेट कैंसर, जो खासतौर पर पुरुषों को प्रभावित करता है। उम्र के साथ इसका खतरा और अधिक बढ़ जाता है। आइए समझते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर के कारण, लक्षण और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।
1. प्रोस्टेट कैंसर होने के जोखिम कारक
प्रोस्टेट कैंसर अचानक से नहीं होता, बल्कि कई कारणों से इसका खतरा बढ़ सकता है:
- उम्र : 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में यह अधिक देखा जाता है।
- आनुवंशिकता : यदि परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो तो संभावना और बढ़ जाती है।
- जीवनशैली : अत्यधिक फास्ट फूड, तैलीय भोजन, धूम्रपान और शराब का सेवन इसके खतरे को बढ़ाता है।
- हार्मोनल असंतुलन : टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के बदलाव भी इसकी एक वजह माने जाते हैं।
- शारीरिक निष्क्रियता : कम शारीरिक श्रम और मोटापा भी एक प्रमुख कारण है।
2. प्रोस्टेट कैंसर के मुख्य लक्षण
शुरुआती चरण में अक्सर यह बीमारी चुपचाप बढ़ती है, लेकिन धीरे-धीरे कुछ संकेत दिखने लगते हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है:
- बार-बार पेशाब आने की समस्या, खासकर रात में।
- पेशाब करते समय रुकावट या दर्द होना।
- पेशाब या वीर्य में खून आना।
- पीठ, कमर या कूल्हों में लगातार दर्द।
- यौन संबंधों में कठिनाई या कमजोरी।
यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है, क्योंकि शुरुआती स्टेज में कैंसर का इलाज आसान और सफल हो सकता है।
3. प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कैसे कम करें
हालाँकि कैंसर से पूरी तरह बचाव संभव नहीं है, लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है:
- संतुलित आहार : ताज़ी सब्जियाँ, फल, अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियाँ ज़्यादा खाएँ।
- व्यायाम : रोज़ाना कम से कम 30 मिनट टहलना या योग करना शरीर को फिट रखता है।
- बुरी आदतों से दूरी : शराब और धूम्रपान से बचें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच : 45–50 साल की उम्र के बाद प्रोस्टेट की नियमित जांच कराना बेहद ज़रूरी है।
- मानसिक तनाव से दूरी : मेडिटेशन, प्राणायाम और पर्याप्त नींद से तनाव कम होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहती है।
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