"मनोज जरांगे की ऐतिहासिक जीत: मराठा आरक्षण पर सहमत हुई महाराष्ट्र सरकार, कुनबी प्रमाणपत्र के लिए बनेगी समिति"
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मराठा आरक्षण की माँग को लेकर चल रहे लंबे संघर्ष ने आखिरकार बड़ी जीत दर्ज की। मराठा समाज के नेता मनोज जरांगे की अगुवाई में हुए इस आंदोलन ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया।
राज्य सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए "हैदराबाद गजट" जारी कर दिया है, जिसके तहत मराठा समाज के लोगों को ‘कुनबी’ जाति का दर्जा मिलेगा। इस फैसले के बाद मराठा समाज को आरक्षण का लाभ प्राप्त करने का रास्ता साफ हो गया है।
मनोज जरांगे ने कहा – "यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरे मराठा समाज की है।" आंदोलन में शामिल हजारों लोगों की मेहनत, त्याग और एकजुटता ने इस ऐतिहासिक क्षण को संभव बनाया।
अब सरकार ने कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए विशेष समिति बनाने की भी घोषणा की है, जो पात्र परिवारों को प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएगी। यह निर्णय मराठा समाज के लिए नए अवसरों और अधिकारों के द्वार खोलेगा।
1. मराठा आरक्षण की जंग : मनोज जरांगे का लंबा संघर्ष
मराठा आरक्षण आंदोलन ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल मचा दी। मनोज जरांगे ने गांव-गांव जाकर समाज को एकजुट किया और शांतिपूर्ण तरीके से आरक्षण की लड़ाई लड़ी। अनशन, पदयात्रा और धरनों के बाद आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा।
2. मराठा आरक्षण आंदोलन : मनोज जरांगे आमरण अनशन खत्म करने को तैयार
सरकार द्वारा ‘हैदराबाद गजट’ जारी किए जाने और कुनबी जाति का दर्जा देने की घोषणा के बाद मनोज जरांगे ने आमरण अनशन खत्म करने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि यह जीत पूरे समाज की है और आगे की प्रक्रिया पर नज़र रखी जाएगी।
3. महाराष्ट्र में किसे मिलता है कितना आरक्षण?
अनुसूचित जाति (SC) – 13%
अनुसूचित जनजाति (ST) – 7%
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) – 19%
विशेष पिछड़ा वर्ग – 2%
ईडब्ल्यूएस (EWS) – 10%
मराठा समाज को अब कुनबी प्रमाणपत्र मिलने पर ओबीसी वर्ग में शामिल कर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
4. जरांगे की क्या रही प्रमुख माँगें?
मराठा समाज को ओबीसी वर्ग में आरक्षण दिया जाए।
कुनबी जाति के प्रमाणपत्र जारी करने के लिए विशेष समिति बनाई जाए।
आरक्षण का लाभ गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
निर्णय को कानूनी सुरक्षा दी जाए, ताकि भविष्य में रुकावट न आए।
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