"पर्वत का कहर: भूस्खलन ने मिटा दिया पूरा गाँव, 1000 से अधिक मौतें"


सुडान में दर्दनाक त्रासदी: भारी बारिश के बाद भूस्खलन से मिटी बस्ती, 1000 से अधिक लोगों की मौत

31 अगस्त की रात सुडान के पश्चिमी हिस्से में स्थित मार्श पर्वतीय क्षेत्र में प्रकृति ने ऐसा तांडव मचाया, जिसने पूरे गाँव को मानो मिटा दिया। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर बस्ती पर आ गिरा। देखते ही देखते पूरा गाँव मिट्टी और चट्टानों के ढेर में दब गया। इस भयावह हादसे में 1000 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पूरे गाँव में सिर्फ एक ही व्यक्ति जीवित बच पाया।

हादसे की भयावहता

स्थानीय लोगों के अनुसार, रात करीब साढ़े दस बजे तेज बारिश के बीच पहाड़ से गूंजती गड़गड़ाहट सुनाई दी। कुछ ही पलों में विशाल चट्टानें और भारी मिट्टी का मलबा गाँव पर टूट पड़ा। कुछ घर तुरंत ही ढह गए, बाकी बचे लोग बाहर निकलने का मौका तक नहीं पा सके। बारिश इतनी तेज थी कि बचाव कार्य भी तुरंत शुरू नहीं हो सका।

एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की दास्तान

जो अकेला व्यक्ति जीवित बचा, वह हादसे के वक्त गाँव से कुछ दूरी पर अपने मवेशियों को संभालने गया हुआ था। उसने बताया, "मैंने अपनी आँखों के सामने अपने पूरे गाँव को मलबे में समाते देखा, सब कुछ कुछ ही सेकंड में खत्म हो गया।"

SLM/A ने दी जानकारी

इस त्रासदी की जानकारी सोमवार को सुडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी (SLM/A) ने दी। संगठन के अनुसार, राहत और बचाव दल को मलबा हटाने में कई दिन लग सकते हैं क्योंकि रास्ते पूरी तरह बंद हो चुके हैं और पहाड़ की ढलानों पर अभी भी मिट्टी खिसकने का खतरा बना हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार

सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी राहत और बचाव अभियान में मदद के लिए बुलाया गया है। भारी मशीनरी, मेडिकल टीमें और आपातकालीन सहायता सामग्री मौके पर भेजी जा रही हैं। मरने वालों में कई बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं।

दर्द में डूबा इलाका

भूस्खलन ने न केवल इंसानी जिंदगियों को निगल लिया, बल्कि पूरे गाँव की पहचान को भी मिटा दिया। जो कभी जीवन से भरा हुआ इलाका था, अब सिर्फ मलबे का मैदान बनकर रह गया है।

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