राजस्थान में बाढ़ से मचा हाहाकार

 


राजस्थान में बाढ़ से मचा हाहाकार

आज 11 जिलों में बारिश का Orange अलर्ट 8 जिलों में स्कूलों में छुट्टी रहेगी बाड़मेर, पाली, राजा समंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, जालौर, चूरू, झुंझुनू ,अलवर,

'सैलाब' का सितम बारिश का 'गदर' रहे अलर्ट गांव से शहर तक जल प्रलय लोगों में भय)

कलेक्टर ने स्कूलों में की छुट्टी घोषित छुट्टी होने के बावजू आदेश की धज्जियां उड़ा दी

रेलवे ने कर्मचारियों के लिए ट्रेन भेजी

ट्रेन का कोच बना ठिकाना 

1. कहर की शुरुआत: भारी बारिश और भूस्खलन

राजस्थान के कई इलाकों में ज़मीन से पानी निकलता प्रतीत हो रहा है—नदी, बाँध, और शहर हर तरफ पानी ही पानी है। खासकर सवाईमाधोपुर जिले का सुरवाल बाँध अचानक ओवरफ्लो हो गया, जिससे एक विशाल क्रेटर (2 किलोमीटर चौड़ा) बन गया और एक तरह का "छोटा नायग्रा फॉल्स" वहीं उत्पन्न हो गया ।

इसी बीच जादवाटा गांव में मिट्टी धंसने से अचानक भूस्खलन हुआ, जिससे एक बड़ा गड्ढा बन गया और आसपास का इलाका बर्बाद हो गया ।

2. जान-माल की हानि और शहर का भयानक स्वरूप

छह लोग, जिनमें चार बच्चे शामिल हैं, बारिश से पैदा हुई त्रासदी में जान गंवा बैठे। भूल चुकी जमीन अब मौत बनकर सामने आई—उदाहरण के लिए, उदयपुर में एक खदान में फँसे बच्चों का मलबे से निकलना मुमकिन नहीं हो पाया ।

जयपुर का ऐतिहासिक अमेर किला भी अछूता न रहा। भारी बारिश की वजह से उसकी बाहरी दीवार का 200 फुट हिस्सा ढह गया—इतिहास का एक बेजोड़ स्मारक क्षतिग्रस्त हुआ ।

टोंक जिले में, एक SDM (उपखंड अधिकारी) राहत कार्य के दौरान खुद बाढ़ में फँस गए। ट्रैक्टर की मदद से उन्हें सुरक्षित निकाला गया, जिसका वायरल वीडियो उर्दन-उर्दन कर रहा है ।

3. यातायात व जीवन-स्तर में तबाही

कई गाँव और शहर जलमग्न हो गए, जैसे कि बारां जिले में तीन लाख लोग प्रशासनिक मुख्यालय से कट गए ।

रेल और सड़क संपर्क टूट गए, जैसे कि जयपुर–मध्य प्रदेश मार्ग, और सवाईमाधोपुर स्टेशन तक पानी पहुंच गया ।

कई जिलों (जैसे कि उदयपुर, नागौर, जयपुर) में स्कूल बंद, यातायात ठप, बाजार उजाड़—जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया ।

4. आपदा प्रतिक्रिया: सेना और बचाव कार्य

सेना, NDRF, SDRF द्वारा बचाव कार्य में जी जान से जुटाया गया। एक Mi-17 हेलीकॉप्टर भी तैयार रखा गया है ।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने रेस्क्यू और नुक़सान का सर्वे शुरू करवाया, ताकि फसलों और संपत्ति का आकलन हो सके ।

5. अलर्ट और मौसम विभाग की चेतावनियाँ

IMD ने लाल और नारंगी अलर्ट जारी किया—कोटा और बूंदी जिले के लिए लाल, जबकि नागौर, टोंक, पाली, अजमेर, भीलवाड़ा, बारां और झालावाड़ के लिए नारंगी चेतावनी ।

मानसून की लहर धीमी ही हुई है, लेकिन बाढ़ जैसी स्थिति अब भी बनी हुई है—हल्की बारिश के बीच भी सतर्कता ज़रूरी है ।







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