आ रहा है समुद्री तूफान और बारिश
बंगाल की खाड़ी में अगस्त माह के मध्य से लेकर अंत तक मौसम के मिज़ाज में बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 15, 19 और 25 अगस्त को खाड़ी क्षेत्र में तीव्र मौसमी हलचल के संकेत मिल रहे हैं। इस दौरान समुद्र में कम दबाव के क्षेत्र, तेज़ हवाएं और भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जो पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के कई राज्यों को प्रभावित कर सकती है।
15 अगस्त से ही बंगाल की खाड़ी में हवा के दबाव में अचानक गिरावट शुरू होगी, जिससे समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं और मछुआरों के लिए खतरा बढ़ सकता है। 19 अगस्त को यह प्रणाली और सक्रिय होकर गहरे दबाव में बदल सकती है, जिसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और आसपास के तटीय क्षेत्रों में मूसलधार बारिश और तेज़ हवाओं की आशंका है।
सबसे अधिक सतर्क रहने की जरूरत 25 अगस्त को होगी, जब यह मौसमी प्रणाली चक्रवाती रूप ले सकती है। इससे तटीय इलाकों में समुद्र का पानी उफान मार सकता है, निचले इलाकों में जलभराव, पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी स्थितियां बन सकती हैं। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है और तटीय जिलों के प्रशासन को पहले से तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बनने वाले ऐसे मौसमी विकार मानसून को और सक्रिय कर देते हैं, जिससे देश के कई हिस्सों में बारिश की रफ्तार तेज़ हो सकती है। लोगों से अपील है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी ताज़ा अपडेट पर नज़र रखें, अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
यह तीव्र मौसमी हलचल न केवल मौसम प्रेमियों के लिए चर्चा का विषय है, बल्कि तटीय जीवन और समुद्री गतिविधियों के लिए एक गंभीर चुनौती भी है। सतर्कता और समय पर तैयारी ही इस प्राकृतिक बदलाव से निपटने का सबसे बड़ा हथियार
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