"उत्तराखंड में बादल फटा: रुद्रप्रयाग-चमोली में हालात गंभीर, तबाही का मंजर!"

 

उत्तराखंड में तबाही का दौर .ख़तम होने का नाम नहीं ले रहा है. उत्तराखंड, रुद्रप्रयाग में बादल फटने से हालात खराब।उत्तराखंड -चमोली रुद्रप्रयाग में बादल फटा देश के 16 जिलों में  अलर्ट जारी किया .भारी बारिश के चलते कई फंसे.  "कई जिलोंमेंस्कूल कॉलेज बंद. कुछ परिवारो के फंसे होने की आशंका है 2 लोग


लापता चमोली के देवाल इलाकेमे बादल फटा।हरिद्वार में भारी बारिश से लोगों का बुरा हाल बादल फटने से  मलबेमे फंसे काई  लोग अलकनंदा और मंदाकिनी का जल स्तर बढ़ा, नदियों का भयानक रूप डरा रहा है उत्तराखंड के चमोली में भूस्खलन चमिली के लता गांव के पास भूस्खलन बारिश वाली आफत ये कब थमेगी, भूस्खलन से नेशनल हाईवे बंद भारत-चीन सीमा को जोडने वाला मलारी .  हाईवे   है ये बंद हो चूका है.बादल फटनेपर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की पोस्ट।

उत्तराखंड में बादल फटने से हाहाकार: रुद्रप्रयाग-चमोली में हालात गंभीर, 16 जिलों में अलर्ट

उत्तराखंड एक बार फिर प्रकृति के प्रकोप से जूझ रहा है। रुद्रप्रयाग के चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में गुरुवार तड़के बादल फटने की घटना ने तबाही का नया मंजर पेश कर दिया। मूसलधार बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं, पहाड़ी ढलानों से मलबा और पत्थर गिरने से सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया है। राज्य में 16 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और प्रशासन उच्च सतर्कता पर है।

तबाही का मंजर

स्थानीय लोगों के अनुसार, देवाल क्षेत्र में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ ने कई घरों, दुकानों और खेतों को भारी नुकसान पहुंचाया। कई गांवों का संपर्क टूट गया है। पुलों के क्षतिग्रस्त होने और भूस्खलन की वजह से प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित है। खेतों में खड़ी फसलें बह गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

रेस्क्यू ऑपरेशन

आपदा की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। बचाव दल ने अब तक कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। हेलीकॉप्टरों की मदद से फंसे हुए परिवारों को निकाला जा रहा है। राहत सामग्री – जैसे खाद्य पैकेट, दवाइयां और पीने का पानी – प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।

प्रशासनिक तैयारी

मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाई और जिला प्रशासन को पूरी सतर्कता के साथ राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। संवेदनशील इलाकों में अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं। बिजली और संचार व्यवस्था को बहाल करने के लिए टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। स्कूल और कॉलेजों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों में राज्य के पर्वतीय और तराई क्षेत्रों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी हुई है।

लोगों से अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे और भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों से दूर रहें। आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

यह आपदा एक बार फिर याद दिलाती है कि पर्वतीय इलाकों में आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि जनहानि और संपत्ति के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।





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