नांदेड में बादल फटने से हाहाकार, जनजीवन अस्त-व्यस्त

 


🌩️ नांदेड में बादल फटा – 8 की मौत, 100 से ज़्यादा लापता, सेना उतरी बचाव में

महाराष्ट्र के नांदेड ज़िले में मंगलवार सुबह आसमान से आफ़त बरसी। अचानक हुई तेज़ बारिश और बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। चंद मिनटों में आई इस प्राकृतिक आपदा ने तबाही का ऐसा मंजर दिखाया कि लोगों की रूह कांप गई।

स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, इस हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से ज़्यादा लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। दर्जनों घर बह गए, कई सड़कें टूट गईं और सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न हो गए। भारी बारिश से नदियाँ और नाले उफान पर आ गए, जिससे पूरे गांवों का संपर्क टूट गया।

💔 दुखद बात यह है कि इंसानों के साथ-साथ मवेशियों को भी इस कहर का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि सैकड़ों गाय, भैंस और बकरियाँ तेज़ धारा में बह गईं। कई किसानों का जीवन भर की पूंजी मानी जाने वाली पशुधन की संपत्ति एक झटके में खत्म हो गई।

🚨 हालात की गंभीरता को देखते हुए सेना और NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। जवान नावों और हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। अब तक सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन कई गांवों तक पहुँचना अभी भी मुश्किल बना हुआ है।

ग्रामीणों का कहना है कि बादल फटने के वक्त सब कुछ सामान्य था। अचानक आसमान से गड़गड़ाहट और मूसलाधार बारिश शुरू हुई और देखते ही देखते पानी का सैलाब गांवों में घुस आया। कुछ ही पलों में मकान, खेत और सड़कें पानी में समा गए।

🌊 प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और लोगों से ऊंचाई वाले इलाकों में शरण लेने की अपील की जा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय से यह आश्वासन दिया गया है कि प्रभावित परिवारों को तुरंत मदद पहुँचाई जाएगी और मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नांदेड का यह हादसा एक बार फिर इस सवाल को खड़ा करता है कि अचानक होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कितनी तैयारी की गई है। जिन परिवारों ने अपनों को खो दिया, उनके लिए यह त्रासदी जीवन भर का घाव बनकर रह जाएगी।

💡 फिलहाल, पूरे इलाके में मातम का माहौल है।

हर तरफ पानी, मलबा और तबाही के निशान दिखाई दे रहे हैं। राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, लेकिन लोगों के चेहरों पर चिंता और डर साफ झलक रहा है।


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