"किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही – 60 मौतें, 100 लोग लापता"
बादल फटा सब कुछ तबाह
किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर का वह पहाड़ी इलाका जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है, आज एक भयावह आपदा का गवाह बना। अचानक हुए बादल फटने ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी। पहाड़ों से उतरते पानी और मलबे की तेज़ धार ने देखते ही देखते कई घर, खेत और रास्तों को बहा दिया। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस भीषण त्रासदी में अब तक लगभग 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
बचाव जारी अपनो की तलाश सैकड़ो घायल
घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। गांव के गांव पानी और कीचड़ में डूब गए, सड़कें टूट गईं और संचार के साधन बुरी तरह प्रभावित हुए। राहत और बचाव दल तुरंत सक्रिय हो गए, लेकिन ऊंचाई और खराब मौसम के कारण कई जगहों तक पहुंचना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं, जहां मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है।
टूट रही है आस मलाबे में जिंदगी की तलाश
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह का समय सामान्य था, लेकिन अचानक आसमान में काले बादल छा गए और कुछ ही मिनटों में भारी बारिश के साथ पहाड़ों से मलबे और पानी का सैलाब उतर आया। लोग जान बचाने के लिए जहां-तहां भागने लगे, लेकिन तेज़ बहाव ने कई लोगों को बहा दिया।
कुदरत की कहार में कश्मीर
सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है और घायलों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, लापता लोगों की तलाश के लिए खोजी कुत्तों और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है।
बादलों की दहाड़ सिसक रहा किश्तवाड़
किश्तवाड़ की यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम का मिज़ाज पल भर में बदल सकता है और प्रकृति के सामने इंसान कितना असहाय है। इस आपदा ने न केवल सैकड़ों परिवारों को शोक में डुबो दिया है, बल्कि पूरे इलाके में गहरे घाव छोड़ दिए हैं।
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