"टीसीएस में छंटनी का झटका: 30,000 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट"
टीसीएस में छंटनी का विवाद: 30,000 नौकरियों पर संकट, कर्मचारियों का गुस्सा फूटा
आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक बड़े विवाद में फंस गई है। खबरें हैं कि कंपनी ने करीब 30,000 कर्मचारियों की नौकरियां खत्म करने की योजना बनाई है। हालांकि कंपनी ने आधिकारिक बयान जारी कर इस दावे को नकार दिया है, लेकिन कर्मचारियों के संगठन "यूनाइटेड आईटी एंड आईटीईएस एम्प्लॉइज यूनियन" का कहना है कि यह छंटनी की शुरुआत है और आने वाले महीनों में इसका असर बड़े पैमाने पर दिख सकता है।
छंटनी का आरोप और कंपनी का इनकार
कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि कंपनी की हालिया नीतियों और प्रदर्शन समीक्षा प्रक्रियाओं के बहाने हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। यूनियन ने दावा किया है कि कंपनी ने वैश्विक स्तर पर लागत कटौती की योजना बनाई है और भारत में इसका सबसे बड़ा असर देखने को मिलेगा।
दूसरी ओर, टीसीएस ने अपने बयान में कहा कि “कंपनी में किसी प्रकार की बड़े पैमाने पर छंटनी की कोई योजना नहीं है। हम प्रतिभा प्रबंधन और बिजनेस डिमांड के आधार पर संसाधनों का पुनर्विन्यास कर रहे हैं।”
कई शहरों में प्रदर्शन
इनकार के बावजूद कर्मचारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। मंगलवार को पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे प्रमुख आईटी हब में सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह केवल "परफॉर्मेंस इवैल्यूएशन" नहीं, बल्कि छिपी हुई छंटनी है।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने पिछले दो वर्षों में नए प्रोजेक्ट्स की संख्या में कमी, ऑटोमेशन और लागत कटौती के चलते कर्मचारियों पर दबाव बढ़ाया है। कई लोगों को वॉलंटरी रेजिग्नेशन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
आईटी सेक्टर में चिंता
इस खबर के सामने आने के बाद पूरे आईटी सेक्टर में चिंता का माहौल है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी, ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के कारण कंपनियां कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने पर मजबूर हो रही हैं।
आगे क्या?
कर्मचारी संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि छंटनी पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले हफ्तों में और बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। वहीं, निवेशकों और कर्मचारियों की नजर कंपनी के अगले आधिकारिक बयान पर है।
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