"300 साल बाद ज्वालामुखी का कहर! ज़ोरदार विस्फोट से हिल जाएगी धरती, करोड़ों जिंदगियां खतरे में"


जापान की राजधानी टोक्यो से कुछ दूरी पर माउंट फ़्यूजी नाम का विशाल ज्वालामुखी पर्वत स्थित है इसे जापान का प्रतीक भी मना जाता है! आखिरी बार ये 318 साल पहले फटा था जैसे 'होई' विस्फोट कहा गया था.

ज्वालामुखी का कहर! 318 साल बाद फिर गूंजेगा फूजी का विस्फोट?

जापान एक बार फिर एक बड़े प्राकृतिक खतरे की चपेट में आ सकता है। राजधानी टोक्यो से कुछ दूरी पर स्थित विशाल ज्वालामुखी पर्वत माउंट फूजी (Mount Fuji) पिछले 300 से अधिक वर्षों से शांत है। इसे जापान का प्रतीक माना जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी खामोशी अब टूट सकती है।

 1 क्यों बढ़ गया है खतरा?

विशेषज्ञों के अनुसार, पृथ्वी के भीतर लगातार हो रही भूगर्भीय हलचलों ने ज्वालामुखी के दबाव को बढ़ा दिया है। पिछली बार यह 1707 में फटा था, जिसे 'होई विस्फोट' (Hoei Eruption) कहा गया। उस समय राख और लावा ने कई इलाकों को तबाह कर दिया था। अब लगभग तीन सदियों बाद वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि अगला विस्फोट पहले से कई गुना ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

  2 सरकार का अलर्ट और AI मॉनिटरिंग

जापान सरकार ने उच्च स्तरीय अलर्ट जारी कर दिया है। AI आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम की मदद से ज्वालामुखी की हर हलचल पर नज़र रखी जा रही है। सैटेलाइट इमेज और सेंसर डाटा से पता चलता है कि पर्वत के नीचे दबाव लगातार बढ़ रहा है।

 3  टोक्यो पर मंडरा रहा खतरा

विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर माउंट फूजी में जोरदार विस्फोट हुआ तो इसकी राख और लावा की चपेट में राजधानी टोक्यो तक आ सकती है, जहां करोड़ों लोग रहते हैं। राख के बादल हवाई उड़ानों को रोक सकते हैं, पानी के स्रोत दूषित हो सकते हैं और आर्थिक गतिविधियां ठप हो सकती हैं।

 4  लोगों में दहशत, पर तैयारी भी

स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थलों की पहचान करने की सलाह दी है। आपातकालीन योजनाओं में शेल्टर होम, मेडिकल कैंप और फूड सप्लाई चेन को मजबूत किया जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सही तैयारी के साथ नुकसान को कम किया जा सकता है, लेकिन खतरे को टाला नहीं जा सकता।

क्या माउंट फूजी की यह खामोशी वाकई किसी बड़े धमाके का संकेत है?

जवाब समय देगा, लेकिन जापान में दहशत के साथ तैयारी भी चरम पर है।

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