रक्षाबंधन 2025: प्रेम और सुरक्षा का पावन बंधन”

 


रक्षाबंधन भारत का एक अत्यंत भावनात्मक और पारंपरिक त्योहार है, जो भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और सुंदरता को दर्शाता है। यह केवल एक धागा बांधने की रस्म नहीं, बल्कि विश्वास, प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है।


रक्षाबंधन 2025 में यह 9,10 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, उनकी लंबी उम्र और सुखद भविष्य की कामना करती हैं। बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं और जीवनभर उनकी रक्षा का वचन देते हैं।



पौराणिक महत्व

रक्षाबंधन की जड़ें भारतीय इतिहास और पुराणों में गहराई से जुड़ी हुई हैं। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई थी, जब उसने अपने आँचल से उनके हाथ की चोट पर पट्टी बाँधी थी। इसी तरह, रानी कर्णावती ने मुग़ल सम्राट हुमायूँ को राखी भेजकर सहायता मांगी थी, और उन्होंने उसकी रक्षा की।


इन कहानियों से स्पष्ट होता है कि रक्षाबंधन केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं, यह रक्षा और विश्वास का प्रतीक है, चाहे वह रिश्ता कोई भी हो।


आधुनिक युग में रक्षाबंधन

आज के बदलते दौर में रक्षाबंधन को नए रूप में भी देखा जा रहा है:

 • डिजिटल राखी: दूर रहने वाले भाई-बहन अब ऑनलाइन राखियां भेजते हैं, वीडियो कॉल पर त्योहार मनाते हैं।

 • इको-फ्रेंडली राखी: पौधे वाली राखी और पुनः उपयोग में लाई जा सकने वाली राखियां आज की पसंद बन रही हैं।

 • भावनात्मक उपहार: भाई-बहन एक-दूसरे को पर्सनल गिफ्ट जैसे फोटो फ्रेम, मैमोरी स्क्रैपबुक या हैंडमेड चीज़ें देना पसंद करते हैं।



रक्षाबंधन को खास बनाने के तरीके:

 • बचपन की यादों को ताज़ा करें – साथ बिताए पलों का वीडियो या एलबम बनाएं।

 • एक हाथ से लिखा हुआ पत्र दें, जो दिल से निकला हो।

 • यदि दूर हैं तो ऑनलाइन सरप्राइज़ गिफ्ट भेजें या एक वीडियो कॉल पार्टी करें।



रिश्ते की खूबसूरती

राखी सिर्फ एक धागा नहीं, वह एक अनकहा वादा है – साथ देने का, समझने का, और हर परिस्थिति में एक-दूसरे के लिए खड़े रहने का।


आज जब ज़िंदगी की भाग-दौड़ में समय कम होता जा रहा है, रक्षाबंधन हमें रुककर यह याद दिलाता है कि कुछ रिश्ते सबसे अनमोल होते हैं।


अंतिम संदेश:

रक्षाबंधन 2025 पर सिर्फ राखी न भेजें, अपने भाव भेजें। चाहे दूरी कितनी भी हो, यह त्योहार दिलों को जोड़ने का माध्यम है।

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