"डोडा में बादल फटा: राष्ट्रीय राजमार्ग बंद, 10 घरों को भारी नुकसान"

 


जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले में मंगलवार को फिर से प्रकृति का प्रकोप देखने को मिला। अचानक हुए बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। तेज़ बारिश के साथ आई बाढ़ ने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस आपदा में 10 से 15 घर बह गए जबकि कई अन्य को गंभीर क्षति पहुँची है।

24 घंटे में चार मौतें, कई घायल

पिछले 24 घंटों में डोडा में चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, माता वैष्णो देवी यात्रा के दौरान अर्धकुमारी के पास भूस्खलन की घटना में कई यात्री घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। मौसम की गंभीर स्थिति को देखते हुए वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

अचानक आई बाढ़ ने मचाई तबाही

मंगलवार को डोडा के भद्रवाह क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने गुप्त गंगा मंडी क्षेत्र को पूरी तरह प्रभावित कर दिया। लोग अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हुए। रेस्क्यू टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश ऑपरेशन में बाधा डाल रही है।

21 दिन में 7 बार बादल फटने की घटना

पिछले 21 दिनों में जम्मू-कश्मीर में सात बार बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में अब तक 80 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन ने पूरे क्षेत्र को आपदा ग्रस्त बना दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित निर्माण कार्य इन प्राकृतिक आपदाओं को और अधिक भयावह बना रहे हैं।

सरकार और प्रशासन की तैयारी

राज्य प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में NDRF और SDRF टीमों को तैनात कर दिया है। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं और प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के लिए त्वरित सहायता और मुआवजे की घोषणा की है।


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